भारतीय पेशेवरों की वैश्विक क्षमता केंद्रों में बढ़ती भूमिका
भारतीय अब वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCC) में 10-13% नेतृत्व पदों पर काबिज हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पेशेवर अब वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) में लगभग 10-13 प्रतिशत नेतृत्व पदों पर काबिज हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट ढांचे में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
महत्वपूर्ण आँकड़े और रुझान
वर्तमान में, लगभग 100 भारतीय मुख्य निवेश अधिकारी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष जीसीसी में कार्यरत हैं, जो मिलियन डॉलर वेतन कमा रहे हैं, रिपोर्ट ने यह भी बताया है। ANSR रिसर्च और TeamLease Digital के अनुसार, यह आंकड़ा 2024 के अंत तक लगभग 150 तक पहुंचने की उम्मीद है।
भविष्य की अपेक्षाएँ
भारत के 1,600 वैश्विक क्षमता केंद्र (GCCs) वर्तमान में वैश्विक भूमिकाओं में लगभग 5,000 भारतीय पेशेवरों को रोजगार देते हैं, और यह संख्या 2025 तक 30,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।
ANSR की भूमिका
ANSR कंपनियों को जीसीसी की स्थापना, प्रबंधन और विस्तार में मदद करने में विशेषज्ञता रखता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय पेशेवरों की वैश्विक क्षमता केंद्रों में भूमिका न केवल बढ़ रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय प्रतिभा का महत्व भी बढ़ रहा है।